CBSE ने 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार लेने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस व्यवस्था पर छात्र, माता-पिता और शिक्षकों के मन में कई सवाल उठते हैं — हमने उन्हें स्पष्ट और आसान शब्दों में हल किया है:
सवाल 1: CBSE ने यह बदलाव किसलिए किया है?
जवाब:
CBSE राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप यह कदम उठा रहा है, ताकि छात्रों को एक अतिरिक्त अवसर मिल सके। इससे बोर्ड एग्जाम का तनाव कम होगा और अगर किसी विषय में पहली बार प्रदर्शन ठीक न रहे, तो वे दूसरी बार में सुधार सीख सकते हैं।
सवाल 2: कौन सी दो परीक्षाएं होंगी और कब?
जवाब:
- पहली परीक्षा: फरवरी 2026
- दूसरी परीक्षा: मई 2026
छात्र चाहें तो एक या दोनों में शामिल हो सकते हैं — और बेहतर स्कोर ही फाइनल रिजल्ट में शामिल होगा।
सवाल 3: क्या सभी विषयों में दोबारा परीक्षा देनी होगी?
जवाब:
नहीं। यह सिर्फ थ्योरी-आधारित विषयों (जैसे Maths, Science, Social Science, Languages) पर लागू होगा।
प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और असाइनमेंट जैसे इंटरनल मूल्यांकन साल में सिर्फ एक बार ही होंगे।
सवाल 4: प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और असाइनमेंट की स्थिति क्या रहेगी?
जवाब:
इनका आयोजन फरवरी में ही होगा और जो अंक मिलेंगे, वो दूसरी परीक्षा के लिए दोहराए नहीं जाएंगे। चाहे आप मई की परीक्षा दें या न दें — फीन्सल नंबर वही होंगे जो पहली बार आए।
सवाल 5: क्या यह सिस्टम 12वीं पर भी लागू होगा?
जवाब:
फिलहाल यह व्यवस्था सिर्फ 10वीं के लिए ही है।
हालाँकि अगर यह मॉडल सफल साबित होता है, तो भविष्य में इसे 12वीं बोर्ड परीक्षा पर भी लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
सवाल 6: क्या दोनों एग्जाम के लिए अलग सिलेबस होगा?
जवाब:
नहीं, दोनों में समान सिलेबस और पैटर्न रहेगा। सिर्फ तारीख बदल रही है और छात्रों को दो बार परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।
सवाल 7: यह बदलाव विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए कैसा रहेगा?
जवाब:
- फायदा: छात्रों को सुधार का मौका मिलेगा और मानसिक तौर पर आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- चिंता: कुछ अभिभावक मानते हैं कि इससे साल भर पढ़ाई का दबाव बना रहेगा।
बोर्ड का दावा है कि तैयारी के लिए निर्देश और रणनीतियाँ जल्द जारी की जाएंगी जिससे अतिरिक्त बोझ न महसूस हो।
CBSE का ये कदम छात्रों के हित में है — इससे उन्हें दोबारा मौका मिलेगा, बेहतरीन तैयारी का समय मिलेगा और मानसिक भार भी कम रहेगा।
फरवरी में बोर्ड ग्रेड तैयार होगी, फिर मई की परीक्षा से बेहतर स्कोर चुनने का विकल्प मिलेगा।