हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक इस बार बेहद खतरनाक साबित हो रही है। बीते बुधवार को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में आई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी। देखते ही देखते नदियां उफान पर आ गईं और कई घर, सड़कें और निर्माण स्थल पानी में बह गए।
कांगड़ा जिले में बादल फटने से एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की साइट पर बनी अस्थाई लेबर कॉलोनी में अचानक पानी घुस गया। इस दर्दनाक हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई लोग तेज बहाव में बह गए। राहत और बचाव दलों ने अब तक पांच शव बरामद किए हैं, और कई लोग अब भी लापता हैं। बचे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए SDRF और NDRF की टीमें लगातार ऑपरेशन चला रही हैं।
उधर कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में भी कुछ जगहों पर बादल फटा, जिससे पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि कई मकान और रास्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और ढलानों के आसपास न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनी का पालन करें। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे आने वाले दिनों में और बारिश की आशंका बनी हुई है।