12 दिनों की जंग के बाद सीजफायर, लेकिन ‘विजय’ पर अब भी संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच बीते 12 दिनों तक चला भीषण युद्ध अब सीजफायर के साथ थम चुका है। हालांकि गोलियां और मिसाइलें रुक गई हैं, पर दोनों देशों के नेता और सेना अब भी मीडिया के माध्यम से खुद को विजेता बता रहे हैं।
एक तरफ ईरान का दावा है कि उसने इजरायली एयरबेस और सैन्य अड्डों पर प्रभावी जवाब दिया, वहीं इजरायल ने कहा कि उसने ईरान के हथियार डिपो और रडार नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
जंग का आंकलन: कौन हारा, कौन जीता?
इजरायल का दावा:
- तेहरान के पास स्थित कई स्ट्रैटजिक रडार सिस्टम को नष्ट किया
- ईरान के मिसाइल लांचिंग स्टेशनों पर प्रिसीजन स्ट्राइक
- IRGC (Iranian Revolutionary Guard) के ठिकानों पर हमला
ईरान का दावा:
- इजरायल के दक्षिणी और मध्य एयरबेस पर मिसाइलों की बौछार
- साइबर हमलों के जरिए इजरायली कम्युनिकेशन बाधित
- कतर में स्थित अमेरिकी बेस के पास चेतावनी स्वरूप मिसाइल हमले
🔎 नोट: दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य नुकसानों की पुष्टि नहीं की है, और जमीनी सच्चाई स्वतंत्र जांच के अभाव में अस्पष्ट बनी हुई है।
युद्ध के दौरान हुए प्रमुख हमले
तारीख | घटना |
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12 जून | ईरान ने पहली बार मिसाइल हमले की शुरुआत की |
14 जून | इजरायल ने जवाबी हवाई हमला किया – 3 रडार नष्ट |
17 जून | कतर में अमेरिकी बेस के पास ईरानी मिसाइल गिरी |
19 जून | इजरायल ने साइबर अटैक का दावा किया |
23 जून | अमेरिका और अरब देशों की मध्यस्थता से सीजफायर लागू |
दुनिया की प्रतिक्रिया
- अमेरिका: ट्रंप ने इजरायल से संयम बरतने को कहा, पर हमले नहीं रुके
- चीन: दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील
- रूस: पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहा
- संयुक्त राष्ट्र: युद्ध को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया
युद्ध चाहे सीजफायर में बदल गया हो, पर ‘किसने जीता?’ की बहस अब भी जारी है।
जहां इजरायल और ईरान दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतिक उपलब्धियों को गिना रहे हैं, वहीं दुनिया इस बात से चिंतित है कि क्या ये सीजफायर स्थायी रहेगा, या बस एक अस्थायी विराम है एक और भयंकर संघर्ष से पहले।