भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने जियो की शुरुआत की थी, तो यह उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा जोखिम था। उन्होंने इसे भारत के सामने भी एक बहुत बड़ी चुनौती बताया।
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में अंबानी ने कहा,
“जियो मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क था। इस फैसले ने हमें बहुत कुछ सिखाया, और ये एक ऐसा कदम था जो भारत को डिजिटल युग में तेज़ी से आगे ले गया।”
जियो का सपना और चुनौतियाँ
2016 में लॉन्च हुआ जियो उस समय टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया। अंबानी ने बताया कि जियो के जरिए उन्होंने भारत के हर कोने में इंटरनेट पहुंचाने का सपना देखा था। लेकिन इसके पीछे कई चुनौतियाँ थीं – तकनीकी, वित्तीय, और नेटवर्क विस्तार की।
उन्होंने यह भी माना कि जियो को शुरू करना इतना आसान नहीं था। इसमें बहुत बड़ा निवेश करना पड़ा और शुरुआत में लोग इसे एक बहुत बड़ा जोखिम मान रहे थे।
“डिजिटल इंडिया” का मजबूत आधार बना जियो
अंबानी ने बताया कि जियो का लक्ष्य केवल बिजनेस करना नहीं था, बल्कि भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना था। आज देश में करोड़ों लोग जियो की वजह से सस्ते इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
“हमारा सपना था कि एक किसान, एक छात्र, एक महिला – सभी को डिजिटल ताकत मिले। जियो ने उस सपने को हकीकत बनाया,” उन्होंने कहा।
भविष्य की योजनाएं भी बताईं
कार्यक्रम में मुकेश अंबानी ने यह भी संकेत दिए कि रिलायंस आने वाले समय में और भी कई इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। उनका फोकस ग्रीन एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और डिजिटल एक्सपेंशन पर रहेगा।
निष्कर्ष:
जियो ने न केवल टेलीकॉम इंडस्ट्री में क्रांति लाई, बल्कि आम लोगों की ज़िंदगी भी बदल दी। मुकेश अंबानी का ये जोखिम आज भारत की सबसे बड़ी सफलता कहानियों में से एक बन गया है