पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 50 लोग घायल हो गए। घटना के बाद राज्य सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। पुरी के जिला कलेक्टर और एसपी को ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं डीसीपी और कमांडेंट को सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा रथ खींचने के दौरान हुआ। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी और कुछ ही पलों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मौके पर अफरातफरी मच गई। कई लोग एक-दूसरे पर गिर गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने हादसे की जांच के आदेश भी दिए हैं।
हादसे के बाद सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर भी त्वरित कार्रवाई की। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीते अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। साथ ही रथ यात्रा सुरक्षा में तैनात डीसीपी विष्णु चरण फी और कमांडेंट अजय पाढ़ी को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन की तैयारियां नाकाफी रहीं। उन्होंने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाली यात्राओं के लिए सरकार को पहले से उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा उस वक्त हुआ जब रथ को खींचा जा रहा था और भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस नाकाम रही। कई लोग पीछे से धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ने लगे और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
हालांकि, पुलिस और प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लेकिन इतनी बड़ी घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय अस्पताल में भर्ती घायलों का इलाज जारी है। कुछ को कटक के बड़े अस्पताल में रेफर किया गया है। पुलिस ने कहा है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और रथ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है।
सरकार ने साफ किया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाएगा।