रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार और विश्वास का त्योहार है। हर साल सावन की पूर्णिमा को यह पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2025 में रक्षा बंधन 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उपहार देते हैं।
पंचांग के अनुसार इस दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान कोई भद्रा नहीं है, इसलिए यह मुहूर्त पूरी तरह से शुभ माना गया है। भद्रा काल को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। सौभाग्य से इस बार भद्रा काल सुबह से पहले ही समाप्त हो जाएगा।
इस दिन की शुरुआत बहनें पूजा की थाली तैयार करके करती हैं। थाली में राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखी जाती है। भाई को तिलक लगाने के बाद आरती उतारी जाती है, फिर राखी बांधी जाती है। भाई बहन को उपहार देता है और दोनों एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं। इस परंपरा का उद्देश्य न केवल रक्षा का वचन देना है, बल्कि एक-दूसरे के साथ हमेशा खड़े रहने का भाव व्यक्त करना भी है।
पुराणों में बताया गया है कि जब भगवान श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी उंगली में बांधा था। श्रीकृष्ण ने उस दिन द्रौपदी को वचन दिया था कि वे हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करेंगे। माना जाता है कि तभी से राखी बांधने की यह परंपरा शुरू हुई।
आज के समय में जहां भाई-बहन कई बार एक ही शहर में नहीं रहते, वहीं राखी भेजने और मनाने के तरीके भी बदले हैं। अब बहनें ऑनलाइन राखी भेजती हैं, वीडियो कॉल पर राखी बांधने की रस्म निभाई जाती है, और डिजिटल गिफ्ट कार्ड या पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स का चलन बढ़ गया है।
2025 में रक्षा बंधन के दिन शनिवार होने के कारण अधिकांश लोगों को छुट्टी भी रहेगी। यह परिवार के साथ समय बिताने का बेहतरीन मौका होगा। इस बार लोग पर्यावरण का भी ध्यान रख रहे हैं, इसलिए बाजार में इको-फ्रेंडली राखियों की मांग बढ़ी है।