WhatsApp, जो आज के समय में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप्स में से एक है, अब एक बार फिर सुरक्षा को लेकर विवादों में आ गया है। इस बार यह चिंता किसी आम व्यक्ति या विशेषज्ञ की नहीं, बल्कि अमेरिका सरकार की है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के US हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे WhatsApp को अपने फोन से हटा दें। इसके साथ ही उन्हें इस ऐप के ज़रिए किसी भी प्रकार की सरकारी बातचीत या सूचना साझा न करने की सख्त हिदायत दी गई है।
क्यों उठे सवाल WhatsApp की सुरक्षा पर?
हालांकि WhatsApp दावा करता है कि उसका मैसेजिंग सिस्टम end-to-end encryption पर आधारित है, जिसका मतलब है कि सिर्फ भेजने और पाने वाले के बीच मैसेज पढ़ा जा सकता है। फिर भी अमेरिका सरकार को आशंका है कि यह ऐप डेटा सिक्योरिटी के मानकों पर खरा नहीं उतरता।
इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta (पहले Facebook) है, जिसे अतीत में कई बार डेटा लीक, प्राइवेसी उल्लंघन, और यूज़र ट्रैकिंग जैसे मामलों में घसीटा जा चुका है।
WhatsApp हटाने की सलाह किन्हें दी गई?
US हाउस ने इस निर्देश को मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और सांसदों के स्टाफ के लिए जारी किया है। उन्हें कहा गया है कि वे अपने स्मार्टफोन्स से WhatsApp को तुरंत अनइंस्टॉल कर लें और उसकी जगह अधिक सुरक्षित इंटरनल कम्युनिकेशन टूल्स का उपयोग करें।
यह फैसला अमेरिका के उन सुरक्षा उपायों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य सरकारी बातचीत को साइबर हमलों और विदेशी हस्तक्षेप से बचाना है।
क्या बैन लग सकता है WhatsApp पर?
फिलहाल अमेरिका सरकार ने WhatsApp पर कोई औपचारिक प्रतिबंध (ban) नहीं लगाया है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के इस कदम से यह साफ होता है कि WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म्स को अब और सख्त निगरानी का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में सरकारें और भी ज्यादा लोकप्रिय ऐप्स की समीक्षा कर सकती हैं, खासकर वे ऐप्स जो विदेशी कंपनियों के अधीन हैं और जहां डेटा प्राइवेसी को लेकर पारदर्शिता की कमी है।
आम यूज़र्स को घबराने की जरूरत?
नहीं। फिलहाल यह निर्देश केवल अमेरिका के सरकारी और संवेदनशील पदों पर बैठे कर्मचारियों के लिए है। आम जनता को WhatsApp इस्तेमाल करने से अभी रोका नहीं गया है।
हालांकि, यह एक चेतावनी जरूर है कि हम सभी को अपनी डिजिटल प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
अमेरिका द्वारा WhatsApp पर यह कार्रवाई दिखाती है कि सिर्फ सुविधा नहीं, सुरक्षा भी मायने रखती है।
भविष्य में WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म को दुनियाभर में और भी ज्यादा पॉलिसी स्क्रूटिनी का सामना करना पड़ सकता है।